भारत सरकार ने ‘एक देश, एक चुनाव’ प्रस्ताव को स्वीकृति प्रदान कर दी है, जिसे भारतीय लोकतंत्र के लिए एक ऐतिहासिक कदम माना जा रहा है। इस प्रस्ताव के तहत, सभी चुनावों—स्थानीय, राज्य और राष्ट्रीय—को एक ही समय पर आयोजित किया जाएगा, जिससे चुनावी प्रक्रिया में सुधार और स्थिरता की उम्मीद की जा रही है।
उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने इस प्रस्ताव का समर्थन करते हुए कहा कि यह कदम विभिन्न स्तरों पर चुनावी व्यय को कम करने, समय की बचत करने और प्रशासनिक कार्य को सुव्यवस्थित करने में मदद करेगा। मुख्यमंत्री ने बताया कि इससे राजनीतिक स्थिरता बढ़ने और विकास परियोजनाओं के लिए निरंतरता सुनिश्चित करने की संभावना है।
सरकार के इस फैसले से चुनावी मतदाताओं में जागरूकता बढ़ेगी और उन्हें एक साथ चुनावों में भाग लेने का अवसर मिलेगा। हालांकि, इसके साथ ही कुछ राजनीतिक दलों और विशेषज्ञों ने चिंता व्यक्त की है कि यह प्रस्ताव राज्य के स्थानीय मुद्दों को दरकिनार कर सकता है।
कुल मिलाकर, ‘एक देश, एक चुनाव’ का यह प्रस्ताव भारत के चुनावी ढांचे में एक महत्वपूर्ण बदलाव लाने की दिशा में एक बड़ा कदम है, और मुख्यमंत्री धामी का समर्थन इसे और अधिक प्रभावी बना सकता है।