मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने गुरुवार को मुख्य सेवक संवाद कार्यक्रम के तहत वरिष्ठ नागरिकों और दिव्यांगजनों से सीधे संवाद किया। मुख्यमंत्री आवास स्थित मुख्य सेवक सदन में आयोजित इस कार्यक्रम में उन्होंने योजनाओं का ऑनलाइन भुगतान किया और कई महत्वपूर्ण घोषणाएँ भी कीं, जिनसे प्रदेश के लाखों बुजुर्गों और दिव्यांगों को लाभ मिलेगा।
मुख्यमंत्री की बड़ी घोषणाएँ
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हर जिले में वृद्धाश्रम खोले जाएंगे।
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दिव्यांग युवक-युवती विवाह प्रोत्साहन राशि 25 हजार से बढ़ाकर 50 हजार रुपये की गई।
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कक्षा 1 से 8 तक के दिव्यांग छात्र-छात्राओं के लिए छात्रवृत्ति हेतु आय सीमा समाप्त।
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दिव्यांग शादी अनुदान और राष्ट्रीय पारिवारिक लाभ योजना का सॉफ्टवेयर लॉन्च।
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पेंशन योजनाओं की 5वीं किश्त का ऑनलाइन भुगतान।
पेंशन योजनाओं से लाखों को लाभ
मुख्यमंत्री ने बताया कि प्रदेश में:
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96 हजार से अधिक दिव्यांगजन पेंशन पा रहे हैं।
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18 वर्ष से अधिक आयु वालों को 1500 रुपये प्रतिमाह।
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18 वर्ष से कम आयु के दिव्यांग बच्चों को 700 रुपये भरण-पोषण सहायता।
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ग्रामीण क्षेत्रों में कृषि कार्य के दौरान दिव्यांग हुए व्यक्तियों को 1200 रुपये प्रतिमाह।
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4 फुट से कम ऊँचाई वाले व्यक्तियों को बौना पेंशन योजना के तहत 1200 रुपये।
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लगभग 6 लाख वृद्धजन डीबीटी के माध्यम से पेंशन का लाभ ले रहे हैं।
वृद्धाश्रमों की स्थिति और विस्तार
वर्तमान में:
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बागेश्वर, चमोली और उत्तरकाशी में राजकीय वृद्धाश्रम संचालित हैं।
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देहरादून, अल्मोड़ा और चम्पावत में नए भवन निर्माणाधीन हैं।
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हरिद्वार, उधमसिंह नगर और नैनीताल में एनजीओ संचालित वृद्धाश्रम कार्यरत हैं।
सीएम धामी ने कहा कि आने वाले समय में हर जिले में एक वृद्धाश्रम स्थापित होगा, ताकि कोई भी बुजुर्ग आश्रय और देखभाल से वंचित न रह जाए।
वरिष्ठ नागरिकों की कानूनी सुरक्षा
मुख्यमंत्री ने बताया कि प्रदेश में माता-पिता एवं वरिष्ठ नागरिक भरण-पोषण अधिनियम लागू है, जिसके तहत बुजुर्ग अपने बच्चों या वारिसों से भरण-पोषण की मांग कर सकते हैं। उन्होंने वरिष्ठजनों को आश्वस्त किया—
“आपका यह बेटा आपके सम्मान, सुरक्षा और सुविधाओं में कोई कमी नहीं आने देगा।”
दिव्यांगजन सशक्तिकरण
सीएम धामी ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में दिव्यांगजनों के सशक्तिकरण के लिए कई कदम उठाए गए हैं।
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“विकलांग” की जगह “दिव्यांग” शब्द का प्रचलन।
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सुगम्य भारत अभियान और स्वालम्बन योजना।
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दिव्यांगजन छात्रवृत्ति, पेंशन और पुनर्वास योजनाएँ।
हाल ही में देहरादून में प्रधानमंत्री दिव्याशा केंद्र शुरू किया गया है, जहाँ दिव्यांग बच्चों को Early Intervention सुविधाएँ दी जा रही हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि ऐसे केंद्र जल्द ही हर जिले में खोले जाएंगे।