आज लगने वाले चंद्रग्रहण के कारण उत्तराखंड के चारों धाम बदरीनाथ, केदारनाथ, गंगोत्री और यमुनोत्री सहित प्रदेशभर के प्रमुख मंदिरों के कपाट बंद कर दिए गए हैं। ग्रहणकाल के दौरान किसी भी प्रकार की पूजा-अर्चना नहीं होगी और सांयकालीन आरती भी नहीं की जाएगी।
बीकेटीसी के मीडिया प्रभारी डॉ. हरीश चंद्र गौड़ ने बताया कि चंद्रग्रहण का सूतक काल 9 घंटे पहले लग गया था। इसी कारण पंचकेदार गद्दीस्थल ओंकारेश्वर मंदिर, विश्वनाथ मंदिर, त्रियुगीनारायण, कालीमठ और अन्य मंदिरों के कपाट भी बंद कर दिए गए।
बदरीनाथ-केदारनाथ के कपाट बंद
बदरीनाथ के धर्माधिकारी राधाकृष्ण थपलियाल ने जानकारी दी कि चंद्रग्रहण रविवार रात 9:56 बजे शुरू होगा। इस दौरान बदरीनाथ और केदारनाथ धाम के अलावा नृसिंह मंदिर (ज्योतिर्मठ), योग बदरी (पांडुकेश्वर) और भविष्य बदरी सहित अन्य मंदिर भी बंद रहेंगे।
गंगोत्री-यमुनोत्री और काशी विश्वनाथ मंदिर भी बंद
इसी प्रकार गंगोत्री और यमुनोत्री धाम तथा काशी विश्वनाथ मंदिर के कपाट भी सोमवार सुबह तक बंद रहेंगे। गंगोत्री धाम मंदिर समिति के सचिव सुरेश सेमवाल और काशी विश्वनाथ मंदिर के महंत अजय पुरी ने बताया कि सूतक के समयानुसार ही कपाट बंद किए गए।
हरिद्वार में दोपहर को ही गंगा आरती
ग्रहण के कारण हरिद्वार के हरकी पैड़ी पर रविवार को दोपहर में ही गंगा आरती कर दी गई। इसके बाद सभी मंदिरों के कपाट बंद कर दिए गए। अब सोमवार को पुनः आरती और नियमित पूजा-अर्चना होगी।
सोमवार से फिर शुरू होंगे दर्शन
ग्रहण समाप्त होने के बाद सोमवार को गर्भगृह की साफ-सफाई और धार्मिक परंपराओं का निर्वहन किया जाएगा। इसके बाद ही चारों धाम और अन्य मंदिरों में पूजा-अर्चना और दर्शन की शुरुआत होगी।