उत्तराखंड में लगातार हो रही भारी बारिश और खराब मौसम के कारण 1 से 5 सितंबर तक स्थगित की गई चारधाम यात्रा का संचालन और पंजीकरण आज, 6 सितंबर 2025, से फिर से शुरू कर दिया गया है। भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (IMD) की ताजा रिपोर्ट में बारिश की तीव्रता में कमी और मौसम में सुधार की पुष्टि मिलने के बाद राज्य सरकार ने यह निर्णय लिया।
गढ़वाल मंडल आयुक्त विनय शंकर पांडे ने बताया कि यात्रा मार्गों पर सुरक्षा व्यवस्थाओं की जांच के बाद यह कदम उठाया गया है। उन्होंने कहा, “यात्रियों की सुरक्षा हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता है और सभी सावधानियों का कड़ाई से पालन कराया जाएगा।”
चारधाम यात्रा की स्थिति
चारधाम यात्रा में यमुनोत्री, गंगोत्री, केदारनाथ और बद्रीनाथ के पवित्र धाम शामिल हैं। हाल के दिनों में प्रदेश में भारी बारिश, भूस्खलन और बाढ़ के चलते यात्रा मार्ग बाधित हो गए थे।
IMD के अनुसार:
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पिछले 24 घंटे में बारिश की मात्रा में कमी आई है।
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पिथौरागढ़ और चमोली में सामान्य से अधिक वर्षा दर्ज की गई।
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रुद्रप्रयाग, उत्तरकाशी और टिहरी गढ़वाल में वर्षा की तीव्रता कम हुई।
इसी आधार पर सरकार ने यात्रा पुनः शुरू करने का निर्णय लिया है।
पंजीकरण की अनिवार्यता
चारधाम यात्रा में शामिल होने के लिए पंजीकरण आवश्यक है। यह व्यवस्था 2014 की केदारनाथ आपदा के बाद लागू की गई थी।
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यात्री ऑनलाइन, व्हाट्सएप या हरिद्वार और ऋषिकेश में स्थापित काउंटरों से पंजीकरण करा सकते हैं।
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पंजीकरण के बाद जारी क्यूआर कोड यात्रा परमिट का कार्य करता है।
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भीड़ प्रबंधन और सुरक्षा के लिए जीपीएस आधारित निगरानी प्रणाली लागू की गई है।
यात्रियों के लिए सावधानियाँ
मौसम में सुधार के बावजूद प्रदेश में अब भी 256 से अधिक सड़कें भूस्खलन के कारण अवरुद्ध हैं। यात्रियों को यात्रा से पहले मौसम और मार्ग की स्थिति की जानकारी लेने की सलाह दी गई है।
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उत्तरकाशी में रात 9 बजे से सुबह 5 बजे तक वाहनों की आवाजाही पर प्रतिबंध रहेगा, आपातकालीन सेवाओं को छोड़कर।
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सहस्त्रधारा समेत सभी हेलीपैड से हेलीकॉप्टर सेवाएँ सुचारू रूप से संचालित हो रही हैं।
गढ़वाल मंडल आयुक्त पांडे ने दोहराया कि “यात्रियों की सुरक्षा सर्वोच्च प्राथमिकता है और सरकार लगातार हालात की निगरानी कर रही है।”