देहरादून। राजधानी देहरादून में सोमवार देर रात बादल फटने से सहस्रधारा और आसपास के इलाकों में भारी तबाही मच गई। पहाड़ी से आए मलबे और उफनती नदियों ने बाजार, होटल और दुकानों को अपनी चपेट में ले लिया। दर्जनों वाहन मलबे में दब गए, कई दुकानें बह गईं और दो बड़े होटल जमींदोज हो गए। घटनास्थल पर अफरा-तफरी का माहौल बना रहा।
एक शव बरामद, मजदूरों के बहने की आशंका
सहस्रधारा बाजार में तबाही के बीच एक शव बरामद हुआ है। वहीं, कुछ मजदूरों के बहने की सूचना है। जामुनवाला स्थित एकादशमुखी हनुमान मंदिर को भी भारी क्षति पहुंची है। मंदिर परिसर में बना हवनकुंड और शनि मंदिर बह गए, जबकि मुख्य मंदिर भी खतरे के साये में है।
पुल और सड़कें ध्वस्त
भारी बारिश और भूस्खलन ने सड़क मार्ग और पुलों को भी तबाह कर दिया। पेट्रोलियम यूनिवर्सिटी को जोड़ने वाला पुल बह गया, जिससे यूनिवर्सिटी प्रशासन ने छुट्टी घोषित कर दी। प्रेमनगर के पास नंदा की चौकी पर राष्ट्रीय राजमार्ग का हिस्सा टूट गया। मसूरी-देहरादून मार्ग कोल्हुखेत और झड़ीपानी टोल के पास ध्वस्त हो गया, जहां पर्यटक और स्थानीय लोग फंसे हुए हैं।
देहरादून-हरिद्वार हाईवे पर लालतप्पड़ के पास जाकन नदी का पानी पुल के ऊपर बहने लगा, जिससे यातायात पूरी तरह प्रभावित हुआ। देहरादून-पौंटा राजमार्ग का पुल भी टूटने से कनेक्टिविटी बाधित हो गई।
अन्य घटनाएं: मौत और रेस्क्यू
मसूरी के झड़ीपानी टोल पर भूस्खलन में दो मजदूर दब गए। इनमें से एक की मौत हो गई, जबकि दूसरा गंभीर रूप से घायल है। डोईवाला में घरों में पानी घुस गया। वहीं, चंद्रभागा नदी में फंसे तीन लोगों को एसडीआरएफ ने रेस्क्यू कर सुरक्षित बाहर निकाला।
प्रदेशभर में नदियों का रौद्र रूप
सिर्फ सहस्रधारा ही नहीं, बल्कि प्रदेश के अन्य हिस्सों में भी नदियाँ उफान पर हैं। करलिगाड़ क्षेत्र में दो लोगों के लापता होने की सूचना है। मौसम विभाग ने देहरादून समेत चमोली, चंपावत, ऊधमसिंह नगर, बागेश्वर और नैनीताल जिलों में भारी बारिश का येलो अलर्ट जारी किया है। 21 सितंबर तक पूरे प्रदेश में तेज बारिश का सिलसिला जारी रहने की संभावना है।
राहत-बचाव अभियान जारी
एसडीआरएफ, पुलिस और प्रशासन की टीमें प्रभावित इलाकों में लगातार राहत और बचाव कार्य में जुटी हैं। जेसीबी मशीनों की मदद से सड़कों से मलबा हटाया जा रहा है। हालांकि अभी भी कई जगहों पर लोगों के लापता होने और फंसे होने की आशंका बनी हुई है।