उत्तराखंड राज्य में पहली बार एक लाख करोड़ रुपये का बजट पारित किया गया है। यह बजट राज्य के विकास के विभिन्न पहलुओं को ध्यान में रखते हुए प्रस्तुत किया गया है, जिसमें इंफ्रास्ट्रक्चर, ग्रामीण रोजगार, जलवायु परिवर्तन, और सामाजिक सुरक्षा से संबंधित कई महत्वपूर्ण घोषणाएं की गई हैं।
बजट का विवरण:
व्यय:
- कुल राजस्व व्यय: ₹59,954.65 करोड़
- कुल पूंजीगत व्यय: ₹41,220.68 करोड़
- पूंजीगत परिव्यय: ₹14,763.13 करोड़
प्राप्तियां:
- कुल प्राप्तियां: ₹1,01,034.75 करोड़
- राजस्व प्राप्तियां: ₹62,540.54 करोड़
- पूंजीगत प्राप्तियां: ₹38,494.21 करोड़
बजट की विशेषताएं:
- राज्य के इतिहास में पहली बार एक लाख करोड़ रुपये से अधिक का बजट प्रस्तुत किया गया है।
- अवस्थापना निर्माण के तहत ₹14,763.13 करोड़ का पूंजीगत परिव्यय रखा गया है, जो अब तक का सबसे बड़ा प्रविधान है।
- ग्रामीण रोजगार को बढ़ावा देने के लिए मत्स्य विभाग की ट्राउट प्रोत्साहन योजना के लिए ₹146 करोड़ की राशि रखी गई है।
- हरिद्वार और ऋषिकेश के विकास हेतु यूआईआईडीबी को ₹168.33 करोड़ का बजट आवंटित किया गया है।
- राज्य के स्टार्टअप वेंचर फंड के लिए ₹20 करोड़, प्रवासी उत्तराखंड परिषद के लिए ₹1 करोड़, और रिवर फ्रंट डेव्लपमेंट प्रोजेक्ट के लिए ₹10 करोड़ की राशि रखी गई है।
- स्मार्ट सिटी परियोजना के तहत इलेक्ट्रिक बसों के संचालन के लिए ₹6.5 करोड़ का प्रविधान किया गया है।
- समान नागरिक संहिता के क्रियान्वयन हेतु ₹30 करोड़ का बजट निर्धारित किया गया है।
सामाजिक सुरक्षा और कल्याण योजनाएं:
- सामाजिक सुरक्षा के तहत ₹1,811.66 करोड़ की राशि रखी गई है।
- विभिन्न योजनाओं में सब्सिडी के रूप में ₹918.92 करोड़ का आवंटन किया गया है, जिसमें अन्नपूर्ति योजना के लिए ₹600 करोड़, प्रधानमंत्री आवास योजना के लिए ₹261.30 करोड़ (ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों के लिए) और रसोई गैस पर अनुदान के लिए ₹55 करोड़ का प्रस्ताव है।
इस बजट के माध्यम से राज्य सरकार ने जन कल्याण, विकास, और पर्यावरण संरक्षण को प्राथमिकता दी है। यह बजट राज्य के आर्थिक और सामाजिक विकास को नई ऊंचाइयों पर ले जाने की दिशा में एक बड़ा कदम है।