हरिद्वार नगर निगम में करोड़ों रुपये की जमीन खरीद में हुए घोटाले को लेकर उत्तराखंड की धामी सरकार ने सख्त रुख अपनाया है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के निर्देश पर दो आईएएस, एक पीसीएस समेत कुल दस अधिकारियों को निलंबित कर दिया गया है। इसके अलावा दो अधिकारियों का सेवा विस्तार समाप्त कर दिया गया है।
यह कार्रवाई ग्राम सराय में स्थित 2.3070 हेक्टेयर अनुपयुक्त भूमि को कूड़े के ढेर के पास ऊंची कीमत पर खरीदने के मामले में की गई है। इस मामले की शिकायत के बाद मुख्यमंत्री ने जांच के आदेश दिए थे। सचिव रणवीर सिंह चौहान की प्रारंभिक जांच रिपोर्ट के आधार पर मुख्यमंत्री ने कार्मिक विभाग को दोषियों पर सख्त कदम उठाने को कहा, जिसके बाद मंगलवार को सात अधिकारियों को निलंबित कर दिया गया।
निलंबित किए गए अधिकारी:
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कर्मेंद्र सिंह – जिलाधिकारी एवं तत्कालीन प्रशासक, नगर निगम हरिद्वार
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वरुण चौधरी – तत्कालीन नगर आयुक्त, नगर निगम हरिद्वार
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अजयवीर सिंह – तत्कालीन उपजिलाधिकारी, हरिद्वार
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निकिता बिष्ट – वरिष्ठ वित्त अधिकारी, नगर निगम हरिद्वार
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विक्की – वरिष्ठ वैयक्तिक सहायक
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राजेश कुमार – रजिस्ट्रार कानूनगो, तहसील हरिद्वार
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कमलदास – मुख्य प्रशासनिक अधिकारी, तहसील हरिद्वार
पूर्व में की गई कार्रवाई:
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रविंद्र कुमार दयाल – प्रभारी सहायक नगर आयुक्त (सेवा समाप्त)
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आनंद सिंह मिश्रवाण – प्रभारी अधिशासी अभियंता (निलंबित)
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लक्ष्मी कांत भट्ट – कर एवं राजस्व अधीक्षक (निलंबित)
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दिनेश चंद्र कांडपाल – अवर अभियंता (निलंबित)
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वेदपाल – सम्पत्ति लिपिक (सेवा विस्तार समाप्त)
मुख्यमंत्री धामी ने कहा, “हमारी सरकार के लिए पद नहीं, बल्कि कर्तव्य और जवाबदेही अहम हैं। कोई भी व्यक्ति कितना भी वरिष्ठ हो, अगर जनहित की अवहेलना करता है तो कार्रवाई तय है। उत्तराखंड में भ्रष्टाचार मुक्त कार्य संस्कृति को बढ़ावा देने की दिशा में यह कदम महत्वपूर्ण है।”