भारतीय पुरातत्व विभाग ने वर्ष 2024 के लिए पाताल भुवनेश्वर गुफा को आज से खोलने का आदेश जारी किया है। यह गुफा तीन माह की बंदी के बाद अब भक्तों के लिए उपलब्ध होगी।
पिथौरागढ़ जिले के गंगोलीहाट से 14 किलोमीटर की दूरी पर स्थित पाताल भुवनेश्वर गुफा प्राकृतिक रूप से बनी हुई है। यहां धार्मिक और ऐतिहासिक दृष्टि से महत्वपूर्ण कई प्राकृतिक कलाकृतियां मौजूद हैं। यह गुफा जमीन से 90 फीट की गहराई पर है और इसका क्षेत्रफल लगभग 160 वर्ग मीटर है।
गुफा को पिछले तीन महीने से ऑक्सीजन की कमी के कारण बंद रखा गया था। अब, गुफा के मंदिर समिति के अध्यक्ष नीलम भंडारी ने पुष्टि की है कि इसे 16 अक्टूबर से फिर से खोला जा रहा है। इस अवसर पर कमेटी महासचिव जगत रावल और केदार सिंह भंडारी भी मौजूद रहे।
पाताल भुवनेश्वर गुफा की धार्मिक महत्ता युगों से रही है। इसका उल्लेख स्कंदपुराण में भी मिलता है, जिसमें महादेव शिव के साथ 33 कोटि देवताओं की उपस्थिति का वर्णन है। ऐतिहासिक साक्ष्यों के अनुसार, सूर्यवंशी राजा ऋतुपर्णा ने इस गुफा की खोज की थी, जब वे त्रेता युग में अयोध्या पर शासन कर रहे थे। द्वापर युग में पाण्डवों के चौपड़ खेलने के अभिलेख भी यहां पाए गए हैं। इसके अलावा, जगदगुरु आदि शंकराचार्य द्वारा 822 ईस्वी में यहां एक तांबे का शिवलिंग स्थापित किया गया, जो आज भी विद्यमान है।