उत्तराखंड के कालीगढ़ गांव ने बाहरी व्यक्तियों के लिए जमीन की खरीद-फरोख्त पर प्रतिबंध लगा दिया है। सल्ट तहसील के इस गांव के प्रवेश द्वार पर एक बोर्ड लगाया गया है, जिसमें स्पष्ट लिखा है कि बाहरी लोग यहां जमीन नहीं खरीद सकते और उन्हें पहचान छिपाकर गांव में घूमने की अनुमति नहीं है।
यह कदम भूमि खरीद को लेकर बढ़ते विवाद और पर्यावरण के बिगड़ने के खतरों के मद्देनजर उठाया गया है। गांववासियों का कहना है कि यह निर्णय उनकी प्राकृतिक और सांस्कृतिक धरोहरों को बचाने के लिए सर्व सहमति से लिया गया है। इसके साथ ही, उन्होंने पलायन को रोकने और गांव से माइग्रेट हुए बेरोजगारों को वापस बुलाने की मुहिम भी शुरू करने का निर्णय लिया है।
कालीगढ़ ग्राम सभा लगभग 300 हेक्टेयर भूमि पर फैली हुई है, जहां 100 से अधिक परिवार निवास करते हैं और जनसंख्या लगभग 600 है। ग्रामीणों का कहना है कि भू माफियाओं ने पहाड़ों और नदी के किनारे की जमीनों को ओने-पौने दामों पर बेचकर क्षेत्र का माहौल खराब कर दिया है।
इससे पहले, जनपद टिहरी के भेंनगी गांव के ग्रामीणों ने भी बाहरी लोगों को अपनी जमीन न बेचने का निर्णय लिया था, और इस प्रकार, ग्रामीण अपनी प्राकृतिक और सांस्कृतिक धरोहरों की रक्षा के लिए एकजुट हो रहे हैं।