उतरकाशी: विश्व प्रसिद्ध गंगोत्री धाम के कपाट कल, अन्नकूट पर्व के अभिजीत मुहूर्त पर, दोपहर 12:14 मिनट पर श्रद्धालुओं के लिए शीतकाल के लिए बंद कर दिए जाएंगे। गंगोत्री मंदिर के सचिव सुरेश सेमवाल ने बताया कि कपाट बंद होने के बाद मां गंगा की उत्सव डोली श्रद्धालुओं के साथ धाम से अपने शीतकालीन प्रवास स्थल मुखबा (मुखीमठ) के लिए प्रस्थान करेगी। इस दौरान रात्रि विश्राम भगवती मंदिर मारकंडे में होगा।
मां गंगा की उत्सव डोली 3 नवंबर को मुखबा में विराजमान होगी, जहां गांव के ग्रामीणों द्वारा उनका स्वागत एक बेटी की तरह किया जाएगा। शीतकाल के छह महीने तक मां गंगा की पूजा मुखबा स्थित गंगा मंदिर में की जाएगी। इसके बाद मां गंगा और यमुना के दर्शन और पूजन उनके शीतकालीन पड़ावों में होंगे।
यमुनोत्री मंदिर के कपाट भी 3 नवंबर को भैयादूज के पर्व पर अपराह्न 12:05 बजे बंद किए जाएंगे। शीतकाल में यमुना जी की उत्सव मूर्ति खरसाली गांव स्थित यमुना मंदिर में विराजमान रहेंगी, जहां श्रद्धालुजन यमुना जी के दर्शन और पूजा-अर्चना कर सकेंगे।
गंगोत्री और यमुनोत्री मंदिर समितियों द्वारा कपाटबंदी के लिए सभी तैयारियां पूरी कर ली गई हैं। विशेष सजावट के साथ ही मुखबा और खरसाली स्थित मंदिरों को भी सजाया गया है। प्रशासन और पुलिस विभाग ने भी सभी आवश्यक प्रबंध सुनिश्चित कर लिए हैं।
इस यात्रा काल में आज सांय तक जिले में स्थित इन दोनों धामों में 15,21,752 तीर्थयात्रियों का आगमन हुआ है, जिनमें से यमुनोत्री धाम में 7,10,210 और गंगोत्री धाम में 8,11,542 तीर्थयात्री शामिल हैं। आज यमुनोत्री धाम में 1,510 और गंगोत्री धाम में 1,726 श्रद्धालु पहुंचे।