जो बोले सो निहाल… सत श्री अकाल!
उत्तराखंड स्थित सिख धर्म के प्रमुख तीर्थ स्थल श्री हेमकुंड साहिब के कपाट आज विधिवत पूजा-अर्चना और धार्मिक परंपराओं के साथ श्रद्धालुओं के लिए खोल दिए गए। इस पवित्र अवसर पर देश-विदेश से आए लाखों श्रद्धालुओं की उपस्थिति ने वातावरण को भक्ति और श्रद्धा से भर दिया।
कपाट खुलने के साथ ही बर्फ से ढकी हिमालय की गोद में बसे इस तीर्थ स्थल पर प्रकृति और श्रद्धा का अद्भुत संगम देखने को मिला। सूर्य की पहली किरणों के साथ गुरबाणी की मधुर ध्वनि गूंज उठी, जिसने उपस्थित सभी लोगों के मन को शांति और आत्मा को भक्ति से भर दिया।
राज्य सरकार द्वारा यात्रा को सुरक्षित और सुगम बनाने हेतु सभी आवश्यक तैयारियाँ पहले से ही पूरी कर ली गई थीं। प्रशासन द्वारा सुरक्षा बलों की तैनाती, चिकित्सा सुविधाएँ, आवागमन व्यवस्था और ठहरने के इंतज़ाम सुनिश्चित किए गए हैं ताकि श्रद्धालुओं को किसी प्रकार की असुविधा का सामना न करना पड़े।
राज्य सरकार ने तीर्थयात्रियों का स्वागत करते हुए कहा कि “हम सभी श्रद्धालुओं का इस पुण्य यात्रा पर स्वागत करते हैं और उनके अनुभव को स्मरणीय बनाने के लिए हम पूरी तरह से प्रतिबद्ध हैं।”
श्री हेमकुंड साहिब यात्रा हर वर्ष गर्मियों के मौसम में सीमित समय के लिए खुलती है, और यह सिख समुदाय के साथ-साथ अन्य आस्थावानों के लिए भी अत्यंत पवित्र मानी जाती है।