ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेलवे परियोजना के अंतर्गत देश की सबसे लंबी रेल सुरंग का निर्माण कार्य पूरा हो गया है। यह ऐतिहासिक सुरंग देवप्रयाग और जनासू के बीच स्थित है और इसकी कुल लंबाई 14.57 किलोमीटर है। सुरंग संख्या T-8 और T-8M के ब्रेकथ्रू के अवसर पर एक भव्य कार्यक्रम का आयोजन किया गया, जिसमें मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी, रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव, गढ़वाल सांसद अनिल बलूनी और कैबिनेट मंत्री डॉ. धन सिंह रावत सहित अन्य गणमान्य लोग उपस्थित रहे।
रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने जानकारी दी कि इन दोनों डबल ट्यूब सुरंगों के निर्माण के लिए आधुनिक टनल बोरिंग मशीन (TBM) का उपयोग किया गया है, जिसे विशेष रूप से जर्मनी से आयात किया गया। यह सुरंगें उत्तराखंड की जटिल भूगर्भीय संरचना को ध्यान में रखते हुए डिज़ाइन की गई हैं। सुरंग की खुदाई जनासू से लगभग 1.525 किलोमीटर दूर एक वर्टिकल शाफ्ट (कुएनुमा सुरंग) के माध्यम से की गई।
125 किलोमीटर लंबी इस ब्रॉड-गेज रेल लाइन में कुल 17 सुरंगें शामिल हैं, जिनमें से 12 सुरंगें 3 किलोमीटर से अधिक लंबाई की हैं। इस परियोजना का लगभग 104 किलोमीटर हिस्सा सुरंगों से होकर गुजरेगा। केवल तीन सुरंगें ही तीन किलोमीटर से छोटी हैं।
सुरक्षा मानकों के तहत, हर तीन किलोमीटर से अधिक लंबी सुरंग के साथ एक निकासी सुरंग भी बनाई गई है। मुख्य सुरंग और निकासी सुरंग को हर 375 मीटर पर क्रॉस पैसेज के माध्यम से जोड़ा गया है, जिससे किसी भी आपातकालीन स्थिति में यात्रियों की सुरक्षित निकासी सुनिश्चित की जा सके।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि यह परियोजना प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के “नए व सशक्त भारत” के विजन को साकार करती है। यह रेल मार्ग न केवल राज्य की कनेक्टिविटी को बेहतर बनाएगा, बल्कि पर्यटन, आर्थिकी और स्थानीय रोजगार के नए द्वार भी खोलेगा।