उत्तराखंड की आध्यात्मिक राजधानी हरिद्वार में इस समय कांवड़ मेला अपने चरम पर है। गंगा के घाटों से लेकर राष्ट्रीय राजमार्गों तक, हर दिशा में भगवा रंग और ‘बम बम भोले’ के जयकारे गूंज रहे हैं। देशभर से आए शिवभक्त गंगाजल लेकर अपने गंतव्यों की ओर बढ़ रहे हैं।
मुख्यमंत्री धामी ने किया भक्तों का स्वागत, चरण धोकर लिया आशीर्वाद
गुरुवार को मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी स्वयं हरिद्वार पहुंचे और हर की पैड़ी पर श्रद्धालुओं का परंपरागत तरीके से स्वागत किया। उन्होंने कांवड़ियों के चरण धोए, आशीर्वाद लिया और श्रद्धा का अद्वितीय उदाहरण प्रस्तुत किया।
इसके बाद हर की पैड़ी से लेकर उत्तराखंड-उत्तर प्रदेश सीमा (गुरुकुल नारसन) तक हेलीकॉप्टर से कांवड़ियों पर पुष्प वर्षा कराई गई, जिससे वातावरण भक्ति, भाव और उल्लास से भर उठा।
‘हर हर महादेव’ और ‘बोल बम’ के नारों से गूंजते आसमान के बीच श्रद्धालु इस भावनात्मक स्वागत से अभिभूत नजर आए।
80 लाख कांवड़िए गंगाजल लेकर हुए रवाना


हरिद्वार जिला प्रशासन के अनुसार, 10 जुलाई से अब तक 80 लाख से अधिक श्रद्धालु गंगाजल भरकर रवाना हो चुके हैं। अनुमान है कि इस बार कांवड़ियों की संख्या 7 करोड़ तक पहुंच सकती है, जो अब तक का रिकॉर्ड होगा।
व्यवस्थाओं में सुधार, रूट डायवर्जन से यातायात सुचारू
इस वर्ष प्रशासनिक तैयारियां और व्यवस्थाएं पूर्ववर्षों की तुलना में कहीं अधिक सुदृढ़ और योजनाबद्ध नजर आ रही हैं। सुरक्षा प्रबंधन, ट्रैफिक कंट्रोल और मेडिकल सुविधा जैसे सभी आयामों पर पुख्ता इंतजाम किए गए हैं।
हाईवे पर भारी भीड़ को देखते हुए विशेष रूट डायवर्जन प्लान लागू किया गया है, जिससे यातायात सुचारू रूप से संचालित हो रहा है।
असामाजिक तत्वों पर कड़ी निगरानी और कार्रवाई
पुलिस ने स्पष्ट किया है कि कुछ असामाजिक तत्व कांवड़ियों के वेश में गड़बड़ी फैलाने का प्रयास कर रहे हैं, जिन पर सख्त कार्रवाई की जा रही है। हरिद्वार पुलिस ने संदेश दिया है कि आस्था में खलल डालने वालों को बख्शा नहीं जाएगा।
हरिद्वार बना आस्था, सेवा और सुरक्षा का संगम
वर्तमान में हरिद्वार शिवमय वातावरण में डूबा है। उत्तराखंड सरकार द्वारा किया गया स्वागत-सत्कार और सेवा भाव श्रद्धालुओं के लिए एक अविस्मरणीय अनुभव बन गया है। यह मेला श्रद्धा, समर्पण और अनुशासन का अद्वितीय उदाहरण बनकर उभर रहा है।