केदारनाथ धाम के लिए संचालित हेली सेवा का पहला चरण अब समाप्त हो चुका है। मानसून के कारण सभी छह हेली कंपनियां अपने सात हेलिकॉप्टरों के साथ घाटी से वापस लौट चुकी हैं। अब यह सेवा यात्रा के तीसरे चरण में, यानी सितंबर में मानसून समाप्त होने के बाद फिर से शुरू की जाएगी।
केदारनाथ यात्रा के लिए इस वर्ष 2 मई से हेलिकॉप्टर सेवाएं शुरू हुई थीं। नागरिक विमानन महानिदेशालय (DGCA) ने आठ हेली कंपनियों को नौ हेलिकॉप्टरों के संचालन की अनुमति दी थी। हालांकि, इस चरण में हेली कंपनियों को मौसम खराब रहने, तकनीकी दिक्कतों और एक गंभीर दुर्घटना जैसी कई चुनौतियों का सामना करना पड़ा।
हेलीकॉप्टर सेवाओं को हुआ भारी नुकसान
यात्रा के पहले चरण में 13,304 टिकट रद्द हुए, जिससे हेली कंपनियों को लगभग 8.65 करोड़ रुपये का नुकसान झेलना पड़ा।
विशेष रूप से 2 से 16 मई के बीच भारत-पाक तनाव और खराब मौसम के कारण 1,638 टिकट रद्द किए गए।
दुर्घटनाएं और आपात लैंडिंग बनी चिंता का विषय
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7 जून: क्रिस्टल कंपनी का एक हेलिकॉप्टर बडासू हेलिपैड से उड़ान भरते समय रुद्रप्रयाग-गौरीकुंड हाईवे पर आपात लैंडिंग करने को मजबूर हुआ।
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इसके बाद DGCA ने सभी हेली कंपनियों के संचालन की समीक्षा कर शटल निर्धारण लागू किया, जिससे उड़ानों पर नियंत्रण बढ़ा और टिकट रद्द होने की संख्या बढ़ी।
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15 जून: आर्यन हेली कंपनी का एक हेलिकॉप्टर गुप्तकाशी के लिए उड़ान भरते समय गौरी माई खर्क में दुर्घटनाग्रस्त हो गया। हादसे में पायलट समेत 6 लोगों की मौत हो गई।
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हादसे के बाद दो दिन के लिए हेली सेवाएं बंद कर दी गईं।
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ट्रांस भारत के दो पायलटों के लाइसेंस छह महीने के लिए रद्द कर दिए गए।
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आर्यन कंपनी प्रबंधन से पूछताछ के बाद राजस्व विभाग ने एफआईआर भी दर्ज की।
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17 से 21 जून तक खराब मौसम ने रोकी उड़ानें
लगातार पांच दिनों तक खराब मौसम के चलते हेली सेवाएं पूरी तरह बंद रहीं, जिससे यात्रियों को भारी असुविधा का सामना करना पड़ा।
नोडल अधिकारी राहुल चौबे ने पुष्टि की कि सभी हेली कंपनियां घाटी से लौट गई हैं और अब सेवा सितंबर में ही फिर से बहाल की जाएगी।