हर जनपद में बनेगा इन्क्यूबेशन सेंटर, 1000 स्टार्टअप तैयार करने का लक्ष्य; युवाओं से नवाचार के जरिए राज्य को सशक्त बनाने का आह्वान
देहरादून, 27 अप्रैल।
मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने रविवार को मुख्य सेवक सदन, देहरादून में “मुख्य सेवक संवाद” कार्यक्रम के तहत स्टार्टअप संवाद कार्यक्रम में प्रतिभाग किया। इस अवसर पर उन्होंने राज्य भर से आए स्टार्टअप्स से जुड़े उद्यमियों से संवाद किया और उनके सुझावों को गंभीरता से सुना। कार्यक्रम के दौरान मुख्यमंत्री ने ‘उन्नत उत्तराखंड’ नामक पुस्तक का विमोचन भी किया और विभिन्न स्टार्टअप आधारित स्टॉल का अवलोकन किया।
मुख्यमंत्री ने बताया कि राज्य सरकार का लक्ष्य आगामी पांच वर्षों में प्रत्येक जनपद में एक इन्क्यूबेशन सेंटर की स्थापना करना और 1000 स्टार्टअप तैयार करना है। इसके साथ ही विश्वविद्यालयों एवं महाविद्यालयों में उद्यमिता आधारित पाठ्यक्रम लागू किए गए हैं और स्टार्टअप्स के लिए डेडिकेटेड पोर्टल भी शुरू किया गया है।
उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने स्टार्टअप्स को बढ़ावा देने के लिए 200 करोड़ रुपये के उत्तराखंड वेंचर फंड की स्थापना की है। वित्तीय सहायता, तकनीकी मार्गदर्शन और बुनियादी ढांचे के विकास के जरिए स्टार्टअप इको-सिस्टम को मजबूत किया जा रहा है।
मुख्यमंत्री ने प्रदेश के युवाओं से आह्वान किया कि वे सरकारी योजनाओं का लाभ उठाकर अपने स्टार्टअप्स शुरू करें और नौकरी मांगने की बजाय नौकरी देने वाले बनें। उन्होंने कहा कि नवाचार के जरिए युवाओं को देश और समाज को बदलने का अवसर मिल रहा है और उत्तराखंड स्टार्टअप के क्षेत्र में देश के साथ कदम से कदम मिलाकर आगे बढ़ रहा है।
धामी ने बताया कि राज्य में स्टार्टअप नीति 2023 लागू की गई है, जिसके तहत स्टार्टअप्स को 15 लाख रुपये तक की सीड फंडिंग और प्रारंभिक चरण में 22 हजार रुपये प्रतिमाह तक का भत्ता उपलब्ध कराया जा रहा है।
उन्होंने यह भी घोषणा की कि देहरादून स्थित आईटी पार्क में 60 करोड़ रुपये की लागत से “उत्तराखंड इनोवेशन हब (यू-हब)” स्थापित किया जा रहा है, जो नोडल इन्क्यूबेशन सेंटर के रूप में कार्य करेगा। अब तक राज्य के 1300 से अधिक स्टार्टअप भारत सरकार द्वारा मान्यता प्राप्त कर चुके हैं, जिनमें से 50 प्रतिशत स्टार्टअप महिलाओं द्वारा शुरू किए गए हैं।
कार्यक्रम के दौरान विभिन्न स्टार्टअप संस्थापकों ने भी अपने विचार और सुझाव प्रस्तुत किए। श्रद्धा नेगी ने उत्तराखंड की सांस्कृतिक विरासत को विश्व पटल तक ले जाने की बात कही, वहीं कुणाल उनियाल ने डिजिटल इंफ्रास्ट्रक्चर नीति की मांग की। विकास शाह ने इलेक्ट्रिक बाइक परियोजना के लिए वित्तीय सब्सिडी बढ़ाने का सुझाव दिया। बबीता सिंह ने ग्रामीण क्षेत्रों में स्टार्टअप्स को विशेष सहायता देने की मांग रखी।
इसके अलावा स्वरलीन कौर ने निजी इनक्यूबेटरों को सरकारी पहल से जोड़ने का आग्रह किया और चन्द्रमणि कुमार ने कोल्ड स्टोरेज की सुविधा निशुल्क उपलब्ध कराने की आवश्यकता पर बल दिया।
इस कार्यक्रम में मेयर श्री सौरभ थपलियाल, मंडी परिषद के अध्यक्ष श्री अनिल डब्बू, प्रमुख सचिव श्री आर के सुधांशु, सचिव उद्योग श्री विनय शंकर पांडे समेत कई वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहे।