उत्तराखंड में आयुर्वेद को बढ़ावा देने के लिए प्रदेश भर में 13 मॉडल आयुष गांवों की स्थापना की जाएगी। इन गांवों में आयुर्वेद, योग और होम्योपैथी चिकित्सा शिविर नियमित रूप से आयोजित किए जाएंगे और औषधीय पौधे वितरित किए जाएंगे। आयुष मिशन सोसायटी ने इन गांवों के लिए गाइडलाइन जारी कर दी है, जिसमें हर आयुष ग्राम को राष्ट्रीय आयुष मिशन के तहत सालाना तीन लाख रुपये का अनुदान प्रदान किया जाएगा।
गांवों में हर्बल गार्डन बनाए जाएंगे और सभी परिवारों को औषधीय पौधे वितरित किए जाएंगे। आयुर्वेद और योग को बढ़ावा देने के उद्देश्य से नियमित रूप से शिविर आयोजित किए जाएंगे। गांवों के प्रवेश द्वार पर ‘आरोग्य सदन’ श्लोगन की वॉल पेंटिंग की जाएगी।
नियुक्त 13 मॉडल आयुष गांव:
- कर्मि गांव – बागेश्वर के कपकोट ब्लॉक में
- शाला रौतेला गांव – अल्मोड़ा जिले के हवालबाग ब्लॉक में
- पोखरी गांव – पौड़ी के खरसू ब्लॉक में
- घेस गांव – चमोली के देवाल ब्लॉक में
- पोंथी गांव – रुद्रप्रयाग के जखोली ब्लॉक में
- सैलानी गोथ – चंपावत ब्लॉक में
- क्यारकुली भट्टा – देहरादून के रायपुर ब्लॉक में
- सुभाषगढ़ – हरिद्वार के लक्सर ब्लॉक में
- प्रतापपुर – ऊधमसिंह नगर के काशीपुर ब्लॉक में
- नौकुचियाताल – नैनीताल के भीमताल में
- माजिरकंडा – पिथौरागढ़ के मुनाकोट ब्लॉक में
- देयूली गांव – टिहरी के नरेंद्रनगर ब्लॉक में
- हर्षिल गांव – उत्तरकाशी के भटवाड़ी ब्लॉक में
इन मॉडल आयुष गांवों के माध्यम से प्रदेश में आयुर्वेद, योग और अन्य पारंपरिक चिकित्सा पद्धतियों को बढ़ावा देने का प्रयास किया जाएगा।