मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की अध्यक्षता में बुधवार को सचिवालय में आयोजित राज्य मंत्रिमंडल की बैठक में कई महत्वपूर्ण नीतिगत निर्णयों पर मुहर लगाई गई। ये फैसले उत्तराखंड के आधारभूत ढांचे, ऊर्जा नीति, सामाजिक सुरक्षा, कर व्यवस्था और तकनीकी विकास के लिहाज से बेहद अहम माने जा रहे हैं।
सबसे उल्लेखनीय फैसला प्रदेश की पहली जियोथर्मल ऊर्जा नीति 2025 को मंजूरी देना रहा, जिससे राज्य को स्वच्छ ऊर्जा उत्पादन और ऊर्जा आत्मनिर्भरता की दिशा में मजबूती मिलेगी। इसके साथ ही वृद्धावस्था पेंशन के नियमों में बदलाव कर सामाजिक सुरक्षा को भी नई दिशा दी गई है।
कैबिनेट के प्रमुख निर्णयों पर एक नजर:
1. पुलों की क्षमता में इज़ाफा
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लोक निर्माण विभाग के अंतर्गत बी ग्रेड पुलों को ए ग्रेड में अपग्रेड किया जाएगा।
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प्रोजेक्ट मैनेजमेंट यूनिट (PMU) का गठन किया जाएगा ताकि वहन क्षमता में वृद्धि हो सके।
2. उत्तराखंड की पहली जियोथर्मल एनर्जी पॉलिसी 2025
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नीति का उद्देश्य भू-तापीय संसाधनों की खोज, उपयोग और उत्पादन को बढ़ावा देना है।
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UREDA, UJVNL और ऊर्जा विभाग नीति का क्रियान्वयन करेंगे।
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इससे ऊर्जा सुरक्षा, कार्बन उत्सर्जन में कमी, और सतत पर्यावरणीय विकास को बल मिलेगा।
3. सतर्कता विभाग का विस्तार
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सतर्कता विभाग में 20 नए पद स्वीकृत किए गए, जिससे पदों की कुल संख्या 132 से बढ़कर 152 हो गई है।
4. IT क्षेत्र को बढ़ावा
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भारत सरकार द्वारा सूचीबद्ध 7 IT कंपनियों को राज्य में भी काम करने का अवसर मिलेगा।
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इससे IT सेवाओं की पारदर्शिता और गुणवत्ता में सुधार होगा।
5. डिजिटल फॉरेंसिक लैब की स्थापना
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राज्य कर विभाग में डिजिटल फॉरेंसिक लैब का गठन किया जाएगा।
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यह लैब CGST, इनकम टैक्स जैसे विभागों को भी तकनीकी सहयोग प्रदान करेगी।
6. खनिज नीति में दो नई नियमावलियां मंजूर
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उत्तराखंड राज्य खनिज अन्वेषण न्यास नियमावली 2025
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उत्तराखंड जिला खनिज फाउंडेशन न्यास नियमावली 2025
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दोनों नियमावलियों से खनिज विकास को राज्य और जिला स्तर पर संस्थागत आधार मिलेगा।
7. समाज कल्याण पेंशन योजना में बदलाव
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अब विधवा और वृद्धावस्था पेंशन उस स्थिति में भी जारी रहेगी जब पुत्र 18 वर्ष का हो जाए।
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योजना में यह संशोधन पेंशन की निरंतरता सुनिश्चित करेगा।
8. उत्तराखंड वित्त सेवा संवर्ग का पुनर्गठन
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कार्यभार और जिम्मेदारियों को ध्यान में रखते हुए वेतनमान और पदों का पुनर्वितरण किया गया।
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कुल पदों की संख्या में कोई बदलाव नहीं किया गया।
मुख्यमंत्री की ऊर्जा नीति को नई गति
हिमालयी राज्य उत्तराखंड में वैकल्पिक ऊर्जा स्रोतों की अपार संभावनाएं हैं। जियोथर्मल पॉलिसी 2025 की मंजूरी से राज्य को “क्लीन एनर्जी हब” के रूप में उभारने की रणनीति को मजबूती मिलेगी। इससे न सिर्फ ऊर्जा क्षेत्र को बल मिलेगा बल्कि पर्यावरणीय स्थिरता और हरित विकास को भी प्रोत्साहन मिलेगा।
निष्कर्ष:
कैबिनेट की ये घोषणाएं राज्य के बहुआयामी विकास की दिशा में ठोस कदम हैं। चाहे वह ऊर्जा नीति हो, पेंशन में सुधार, या तकनीकी सशक्तिकरण, ये निर्णय जनकल्याण और प्रशासनिक सुधार की दृष्टि से दूरगामी प्रभाव डालने वाले हैं। मुख्यमंत्री धामी की अध्यक्षता में लिया गया यह निर्णय पैकेज राज्य को सशक्त, समावेशी और पर्यावरण-संतुलित विकास की ओर ले जाएगा।