नेपाल में राजनीतिक तनाव और हिंसक प्रदर्शनों के बीच उत्तराखंड सरकार ने सीमा सुरक्षा को लेकर हाई अलर्ट घोषित कर दिया है। नेपाल में प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली समेत कई मंत्रियों के इस्तीफे के बाद उत्पन्न अस्थिरता को देखते हुए मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सशस्त्र सीमा बल (SSB), पुलिस और जिला प्रशासन के साथ उच्चस्तरीय बैठक कर सुरक्षा व्यवस्था की समीक्षा की।
नेपाल से लगी उत्तराखंड की सीमाएँ विशेष रूप से संवेदनशील मानी जा रही हैं। पिथौरागढ़, चंपावत और उधम सिंह नगर जिले नेपाल से सटे हैं, जहाँ व्यापार, रोजगार और पारिवारिक रिश्तों के तहत आवाजाही होती है। उत्तराखंड पुलिस मुख्यालय ने बताया कि काली नदी और अन्य सीमावर्ती इलाकों में नियमित गश्त और तलाशी अभियान चल रहे हैं।
सीमाओं पर सघन चेकिंग और निगरानी
सीएम धामी ने अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश दिए कि सीमा पर सघन चेकिंग अभियान चलाया जाए और असामाजिक तत्वों की गतिविधियों पर विशेष नजर रखी जाए। सोशल मीडिया पर भी अफवाह फैलाने और उकसाने वाले पोस्ट पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी। जिला प्रशासन को केंद्रीय एजेंसियों और एसएसबी के साथ समन्वय बनाए रखने को कहा गया है।
उन्होंने कहा, “नेपाल से हमारे गहरे सांस्कृतिक और पारिवारिक रिश्ते हैं, इसलिए जनभावनाओं का सम्मान करते हुए संयम और सौहार्द बनाए रखना आवश्यक है।” ग्रामीणों, ग्राम समितियों और वन विभाग के अधिकारियों को भी सामूहिक निगरानी में शामिल किया गया है।
नेपाल में हिंसा और इस्तीफा
नेपाल में 8 और 9 सितंबर को हुए विरोध प्रदर्शनों में कम से कम 19 लोगों की मौत हो गई और सैकड़ों घायल हुए। संसद भवन, सरकारी कार्यालयों और मंत्रियों के आवासों पर पथराव और आगजनी की घटनाएँ हुईं। पूर्व प्रधानमंत्री झलनाथ खनाल की पत्नी राज्यलक्ष्मी चित्राकर की हिंसा में जलकर मौत हो गई। हिंसा के चलते प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली ने इस्तीफा दिया।
उत्तराखंड सरकार की सक्रियता
सीएम धामी के नेतृत्व में उत्तराखंड सरकार ने पड़ोसी देश की परिस्थिति को गंभीरता से लेकर सुरक्षा उपायों को मजबूत कर दिया है। सीमा पर हर प्रकार की गतिविधि की निगरानी की जा रही है ताकि किसी भी तरह की अस्थिरता राज्य में न फैल सके। प्रशासन ने आश्वस्त किया है कि सुरक्षा की पूरी जिम्मेदारी लेकर लोगों की जान-माल की रक्षा की जाएगी।