उत्तराखंड में प्रस्तावित त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव को लेकर इस बार राज्य निर्वाचन आयोग ने कई महत्वपूर्ण बदलाव किए हैं। इन बदलावों का असर सीधे तौर पर चुनाव प्रक्रिया की पारदर्शिता, सुरक्षा और प्रौद्योगिकी के इस्तेमाल में देखने को मिलेगा। आयोग ने खर्च की सीमा बढ़ाने के साथ-साथ उसकी सख्त निगरानी का भी फैसला किया है।
ऑनलाइन वोटर लिस्ट जारी
इस बार पहली बार राज्य निर्वाचन आयोग ने मतदाता सूची ऑनलाइन उपलब्ध कराई है। मतदाता अपनी ग्राम पंचायत की वोटर लिस्ट आयोग की वेबसाइट https://secresult.uk.gov.in/votersearch/searchvotermapping पर जाकर देख और डाउनलोड कर सकते हैं। इससे मतदाताओं और उम्मीदवारों को नाम तलाशने में आसानी होगी।
खर्च की सीमा बढ़ी, निगरानी कड़ी
आयोग ने इस बार चुनावी खर्च की सीमा बढ़ाई है, लेकिन साथ ही उसकी निगरानी को भी कड़ा कर दिया है। प्रत्येक जिले में खर्च की निगरानी के लिए अलग से अधिकारी नियुक्त किए जा रहे हैं, जो किसी भी समय प्रत्याशी से खर्च का ब्यौरा मांग सकेंगे।
सॉफ्टवेयर से ड्यूटी आवंटन
पंचायत चुनाव में इस बार 95,909 अधिकारी-कर्मचारी तैनात किए जाएंगे। इनमें 11,849 पीठासीन अधिकारी, 47,910 मतदान अधिकारी, 450 सेक्टर मजिस्ट्रेट, नोडल अधिकारी और प्रभारी अधिकारी तथा 35,700 सुरक्षाकर्मी शामिल हैं। पहली बार आयोग ने निर्णय लिया है कि इन सभी की ड्यूटी सॉफ्टवेयर आधारित रेंडमाइजेशन प्रणाली से तय होगी, जिससे पारदर्शिता बनी रहेगी।
मतदानकर्मियों के लिए 10 लाख का बीमा
राज्य निर्वाचन आयोग ने चुनाव ड्यूटी पर तैनात कर्मियों की सुरक्षा को भी प्राथमिकता दी है। अगर किसी मतदानकर्मी की ड्यूटी के दौरान मृत्यु होती है, तो उसके परिजनों को 10 लाख रुपये का मुआवजा दिया जाएगा। आयोग के सचिव राहुल गोयल ने बताया कि इस प्रस्ताव को शासन की मंजूरी मिल चुकी है और सोमवार को सभी जिलाधिकारियों को पत्र भेजा जाएगा।
चुनाव नतीजे वेबसाइट पर लाइव अपडेट
इस बार पंचायत चुनाव के नतीजे भी आयोग की वेबसाइट https://sec.uk.gov.in पर ऑनलाइन जारी किए जाएंगे। राज्य निर्वाचन आयुक्त सुशील कुमार ने बताया कि जैसे ही किसी ग्राम पंचायत, क्षेत्र पंचायत या जिला पंचायत के नतीजे आएंगे, उन्हें तुरंत वेबसाइट पर अपडेट किया जाएगा। निकाय चुनाव के बाद अब पंचायत चुनावों में भी यह डिजिटल सुविधा उपलब्ध कराई जा रही है।