देहरादून: उत्तराखंड में आगामी त्रिस्तरीय पंचायत चुनावों की तैयारियां जोरों पर हैं। चुनावी मौसम में अवैध शराब की तस्करी बढ़ने की आशंका के मद्देनज़र आबकारी विभाग ने एक विशेष कदम उठाया है। इस बार शराब तस्करों पर लगाम कसने के लिए ‘स्पेशल-98’ नामक विशेष महिला फोर्स को मैदान में उतारा गया है।
यह पहली बार है जब राज्य के आबकारी विभाग में इतनी बड़ी संख्या में महिला सिपाहियों और उप निरीक्षकों की नियुक्ति हुई है। अब तक विभाग में केवल 35 महिला कर्मी कार्यरत थीं, लेकिन नई भर्ती के बाद यह संख्या बढ़कर 130 हो गई है।
‘स्पेशल-98’ की खास बात
इस विशेष बल में कुल 97 सिपाही शामिल हैं, जिनमें से 84 महिलाएं और सिर्फ 13 पुरुष हैं। इसके अतिरिक्त 14 महिला उप निरीक्षक भी इस बल का हिस्सा हैं। इन सभी को प्रारंभ में फील्ड ड्यूटी सौंपी गई है। उन्हें राज्य के संवेदनशील चेक पोस्टों पर तैनात किया गया है, ताकि पंचायत चुनाव के दौरान किसी भी प्रकार की शराब तस्करी को रोका जा सके।
अवैध शराब के खिलाफ नारी शक्ति
आबकारी विभाग की महिला आयुक्त अनुराधा पाल ने कहा कि इन युवतियों में सेवा का जुनून और साहस दोनों है। उन्होंने वर्षों पुरानी उस सोच को तोड़ा है कि “आबकारी विभाग में महिलाओं का स्थान नहीं होता।” विभाग को उम्मीद है कि महिलाओं की यह विशेष फोर्स राज्य में अवैध शराब की आपूर्ति को रोकने में अहम भूमिका निभाएगी।
दुर्गम क्षेत्रों में भी तैनाती
पहले महिला सिपाहियों को कठिन और दुर्गम क्षेत्रों में भेजने से परहेज किया जाता था, लेकिन अब इस सोच में बदलाव आया है। नई महिला सिपाहियों की तैनाती ऐसे क्षेत्रों में भी की गई है, जहां पहले केवल पुरुष तैनात किए जाते थे। साथ ही इनकी पोस्टिंग ऐसे स्थानों पर की जा रही है जो इनके गृह क्षेत्र के अधिक दूर न हों, जिससे वे आसानी से कार्य कर सकें।
महिला अभियुक्तों पर विशेष नजर
राज्य में अवैध शराब के मामलों में महिला अपराधियों की बढ़ती संलिप्तता को देखते हुए महिला फोर्स की तैनाती और भी अधिक जरूरी मानी जा रही है। इन महिला कर्मियों की मौजूदगी से सूचना संकलन और पूछताछ की प्रक्रिया और अधिक प्रभावी हो सकेगी।